हरियाणा में स्क्रैप वाहनों का रिसाइकल करके फिर से किया जाएगा इस्तेमाल, सरकार ने पॉलिसी की जारी

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Haryana News:हरियाणा सरकार ने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने और उनके पुर्जों को रिसाइकिल करने के लिए “स्क्रैपेज एंड रिसाइकिलिंग फैसिलिटी प्रमोशन पॉलिसी” लागू की है। इस पॉलिसी के तहत ऐसे वाहन और उनके पार्ट्स, जो अब कबाड़ में बदल चुके हैं, को पुनः उपयोग के लिए तैयार किया जाएगा। यह कदम पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ संसाधनों के कुशल उपयोग को भी प्रोत्साहित करेगा। इसे लेकर कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की ओर से अधिसूचना जारी करते हुए इसे प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए हैं।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल

कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में डीजल वाहनों के लिए 10 साल और पेट्रोल वाहनों के लिए 15 साल की पासिंग लिमिट तय करने के बाद कंडम वाहनों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने “स्क्रैपेज एंड रिसाइकिलिंग फैसिलिटी प्रमोशन पॉलिसी” लागू करने का फैसला किया है। यह पॉलिसी न केवल पुराने और अनुपयोगी वाहनों के सुरक्षित निस्तारण को सुनिश्चित करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और संसाधनों के पुनः उपयोग को भी बढ़ावा देगी।

पुरानी वाहनों को किया जाएगा रिसाइकिल

राव नरबीर सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार का यह निर्णय पुराने वाहनों के पार्ट्स को रिसाइकिल करने और उनका पुनः उपयोग करने में सहायक होगा। इससे न केवल पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, वाहन मालिकों को आर्थिक सहायता प्राप्त होगी, जिससे वे अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए प्रेरित होंगे। इस फैसले से सड़कों, गलियों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कबाड़ वाहनों की पार्किंग की समस्या से भी राहत मिलेगी, जिससे शहरों की सफाई और व्यवस्था में सुधार होगा।

अनुसूचित जाति के लोगों को मिलेगा फंड

मंत्री राव नरबीर सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार इस नई नीति को उद्योग का दर्जा प्रदान करेगी, जिसके तहत नई औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। उनका कहना है कि राज्य सरकार स्टार्टअप, महिला उद्यमियों और अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को वेंचर कैपिटल फंड स्थापित करने के लिए वित्तीय मदद प्रदान करेगी। इसके अलावा, सैनी सरकार बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 20 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी, ताकि इस उद्योग में निवेश बढ़े और प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।

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