Haryana News: हाईड्रोजन ट्रेन भारत में एक पर्यावरण-अनुकूल परिवहन का नया कदम है। यह ट्रेन पूरी तरह से हरित ऊर्जा पर आधारित होगी और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगी। भारतीय रेलवे ने घोषणा की है कि देश की पहली हाईड्रोजन ट्रेन हरियाणा के सोनिपत-जींद सेक्शन में चलाई जाएगी।
पर्यावरण होगा सुरक्षित
यह ट्रेन प्रायोगिक तौर पर उन सेक्शनों में चलाई जाएगी, जहां बिजलीकरण (Electrification) अभी पूरा नहीं हुआ है। हाईड्रोजन ट्रेनें न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि ऊर्जा की बचत और ईंधन की लागत को भी कम करेंगी।इस तरह की पहल भारत को भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
जनवरी में होगी संचालित
हां, यह सही है कि हाईड्रोजन ट्रेन की शुरुआत हरियाणा से होगी। भारतीय रेलवे ने घोषणा की है कि यह ट्रेन हरियाणा के सोनिपत-जींद सेक्शन में चलेगी। यह ट्रेन जनवरी 2025 से संचालित होने की योजना है।
हाईड्रोजन ट्रेनें पर्यावरण के अनुकूल और आधुनिक तकनीक से लैस होंगी। इनका संचालन हरित ऊर्जा पर आधारित होगा, जो कार्बन उत्सर्जन को शून्य तक लाने में मदद करेगा। यह कदम भारतीय रेलवे को स्थायी परिवहन के लक्ष्य की ओर ले जाएगा और इसे विश्व स्तर पर एक नई पहचान देगा।
90 किलोमीटर की दूरी तय करेगी
इस ट्रेन का संचालन उन क्षेत्रों में किया जाएगा, जहां बिजलीकरण अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इससे न केवल ऊर्जा की बचत होगी बल्कि यात्री अनुभव भी बेहतर होगा।देश की पहली हाईड्रोजन ट्रेन का संचालन हरियाणा के जींद और सोनीपत के बीच किया जाएगा, जो कि कुल 90 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यह ट्रेन जनवरी 2025 से शुरू होने की योजना है।
हाइड्रोजन ट्रेन की विशेषताएं
1. प्रदूषण मुक्त: यह ट्रेन पूरी तरह से हरित ऊर्जा यानी हाईड्रोजन फ्यूल पर आधारित होगी, जिससे कोई कार्बन उत्सर्जन नहीं होगा।
2. पर्यावरण हितैषी: यह कदम जलवायु परिवर्तन से लड़ने और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए है।
3. समय की बचत: यह ट्रेन तेज गति और आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी, जिससे यात्रियों का सफर सुगम और समय बचाने वाला होगा।
यह परियोजना भारतीय रेलवे की हरित पहल के तहत एक बड़ा कदम है, जो देश को स्थायी विकास और आधुनिक परिवहन प्रणाली की दिशा में आगे बढ़ा रही है।