Property Buying Limits In UP : अगर आप भी उत्तर प्रदेश से राज्य से हैं और आप भी अपने पैसे को प्रॉपर्टी में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो इससे पहले आपको बता दें कि अब आप सभी इससे अधिक जमीन नहीं खरीद सकेंगे। बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री योगी सरकार ने जमीन खरीदने की लिमिट के बारे में एक नया नियम बनाए हैं। जो आप सभी लोगों को जानना बहुत ही जरूरी है। जो नीचे निम्न है ऐसे में आईए जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
Property Buying Limits In UP : जमीन खरीदने वाले लोग जमीन खरीदने के सभी नियमों की रखें जानकारी
बता दे की वर्तमान समय में बहुत लोगों का सपना होता है कि हमारा दूसरों से अधिक प्रॉपर्टी हो बता दें कि ज्यादा प्रॉपर्टी बनाने के लिए लोग बहुत अधिक मेहनत भी करते है अधिक मेहनत करने के बाद वह प्रॉपर्टी तो बनती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि उनकी खरीदी हुई जमीन या प्रॉपर्टी कुछ कर्म से उन्हें वापस मिलते नहीं है। इसका मुख्य कारण यह है कि लोग जमीन खरीदने के कुछ खास नियमों को सही ढंग से नहीं समझ पाते हैं।
वहीं हर राज्य में अलग-अलग कानून होता है जिनके तहत जमीन या प्रॉपर्टी खरीदे जाते हैं। बता दें कि यदि कोई व्यक्ति तय सीमा से अधिक जमीन खरीदने हैं तो वह जमीन राज्य सरकार के नियंत्रण में चले जाते हैं। इसीलिए जरूरी है की जमीन खरीदने से पहले लोगों को इन नियमों और कानून के बारे में पूरी जानकारी जान लेना बहुत ही जरूरी है।
Property Buying Limits In UP : कितना सीमा तक खरीद सकते हैं जमीन
अगर आप लोग भी उत्तर प्रदेश राज्य से हैं तो आप सभी लोगों को बता दें कि अब राज सरकार के नए नियमों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में एक तय सीमा तक ही जमीन खरीदा जा सकता है। ऐसे में आपको बता दें कि हाल ही में निकलकर आई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के अलग-अलग राज्यों में जमीन खरीदने एवं प्रॉपर्टी खरीदने के नियम अलग-अलग हैं।
वहीं हर राज्य में जमीन अधिग्रहण के लिए अपने-अपने कानून होते हैं। उदाहरण के तौर पर आप सभी लोगों को बता दें कि उत्तर प्रदेश में एक व्यक्ति को अधिकतम 12.5 एकड़ कृषि भूमि खरीदने की अनुमति है यानी उत्तर प्रदेश में किसी भी व्यक्ति के लिए एक तय सीमा तक ही जमीन खरीदना संभव है। बता दें कि यह नियम हर राज्य में अलग-अलग होता है और स्थाई कानून प्रावधानों पर निर्भर करता है।
Property Buying Limits In UP : अगर आप भी जमीन लेने के लिए जा रहे हैं तो जान ले यह आवश्यक बातें
अगर आप लोग भी जमीन खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो यह जान लेना बहुत ही जरूरी है की जमीन सरकारी है या फिर नहीं साथी आपको यह भी देख लेना चाहिए की जमीन की श्रेणी खतौनी में 1(क) के रूप में दर्ज हो। बता दें की इन दोनों बातों का ध्यान रखना आप सभी लोगों के लिए बहुत ही जरूरी हो जाता है। क्योंकि इसकी अनदेखी होने पर कानूनी पंचड़े फंस सकते हैं।
बता दें कि जब आप सभी लोग किसी भी जमीन को खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो पहले उसे जमीन के मालिक से उसकी खतौनी की जानकारी अवश्य ले लें क्योंकि खतौनी पर आपको 16 अंकों का एक कोड देखने को मिलेगा। जिसके आखरी अंक को ध्यान से देखना आप सभी लोगों को बहुत ही जरूरी हो जाता है। क्योंकि वह अंक 12 होना जरूरी है बता देंगे अगर ऐसा नहीं होता है तो उसे जमीन को खरीदने से आप सभी सभी लोगों को बचाना चाहिए। क्योंकि यह भविष्य में परेशानियों का कारण बन सकता है। जिसके कारण आप परेशानियों में उलझे हुए रहेंगे।
आप सभी लोगों को बता दें की जमीन खरीदने जा रहे हैं तो उसे टाइम यह जरूरी जचने कि वह जमीन खेती के लिए इस्तेमाल में ना हो इसके लिए आप खतौनी में सीएच 41 और 45 को देखकर यह जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही यह भी ध्यान रखें की जमीन चकरोड, मरघट, खलिहान या चारागाह जैसी सार्वजनिक इस्तेमाल की जगह पर ना हो। बता दें कि ऐसी जमीनों पर खरीदारी से आपको बाद में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करने पड़ सकते हैं।
बता दें की जमीन के नक्शे को देखने के साथ-साथ आप सभी लोगों को उसकी 12 वर्ष की रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड भी रजिस्ट्री ऑफिस में जांचना बहुत ही जरूरी है। वहीं जमीन खरीदने से पहले इन पहलुओं की जांच करना हमेशा फायदेमंद रहते हैं।
अगर आप जमीन की खरीदारी किसी एससी या एसटी समुदाय के व्यक्तियों से कर रहे हैं तो यह जरूरी है कि आप पहले स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति प्राप्त कर ले। बता दें कि यदि आप बिना अनुमति के जमीन खरीदारी करते हैं तो वह जमीन राज्य सरकार के कब्जे में चले जाएंगे। इसीलिए इस प्रक्रिया को ध्यान से पूरा करना बहुत ही जरूरी है ताकि बाद में इसकी कानूनी समस्या का सामना न करना पड़े।
अगर आप भी जमीन खरीदने के लिए जा रहे हैं तो जमीन खरीदने से पहले आप सभी लोगों को उसे जमीन से जुड़े सभी कानूनी पहलुओं को समझ लेना बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि अगर आप बिना पूरी जानकारी के जमीन खरीद लेते हैं तो बाद में आपको कई समस्याओं का सामना करना करना पड़ेगा। खासकर यदि जमीन पर कोई कानूनी विवाद या वह बाधक नहीं है तो दाखिल खारिज का काम नहीं हो पाएगा।
बता दे की इसीलिए जमीन खरीदने से पहले लोगों को सभी जरूरी डॉक्यूमेंट और नियमों को अच्छे ढंग से चेक कर लेना चाहिए। क्योंकि जमीन पर कब्जा करने के लिए उसे जमीन को खरीदने से पहले उसके कब्जे से जुड़ी सारी जानकारियां आपको जमीन रजिस्ट्री ऑफिस से ले लेने चाहिए ताकि आने वाले टाइम में किसी भी दिक्कत एवं परेशानियों का सामना न करना पड़े।
जानिए अलग-अलग राज्यों में जमीन खरीदने की क्या है लिमिट
जैसा कि आप सभी लोगों ने ऊपर की लेख में पढ़ा कि उत्तर प्रदेश राज्य में जमीन खरीदने की लिमिट 12.5% एकड़ कृषि भूमि खरीदने की अनुमति है। ऐसे में अब आपको बता दें कि अगर आप उत्तर प्रदेश से नहीं है तो अब आपके मन में यह सवाल उत्पन्न जरूर हो रहा होगा कि हमारे राज्य में कितनी जमीन खरीदने की अनुमति है तो आज के इस लेख में हम आप सभी लोगों को कुछ अहम राज्यों की जमीन खरीदने की लिमिट के बारे में बताने जा रहे हैं।
जैसे कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में आप लगभग 54 एकड़ तक की जमीन खरीद सकती हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में यह लिमिट 24.5 ऐकड़ कर रखे गए हैं। वही केरल में आप केवल 7.5 एकड़ जमीन ही खरीद सकते हैं। जो कि बिहार की लिमिट से लगभग आधी होती है। क्योंकि बिहार में जमीन खरीदने के लिए लिमिट करीब 15 एकड़ है।
जानिए हिमाचल प्रदेश में जमीन खरीदने की लिमिट
आप लोगों को बता दें कि हिमाचल प्रदेश राज्य में आप 32 एकड़ तक की जमीन खरीद सकेंगे। जो उत्तर प्रदेश की लिमिट से लगभग डेढ़ गुना ज्यादा है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य में जमीन खरीदने की लिमिट 12.5 एकड़ है।