UP News: बनारस के सांसद के रूप में अपने सफर की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धालुओं की राह आसान करने का खाका खींचा था। अकल्पनीय और अविश्वसनीय परियोजना का उद्घाटन हुआ तो देश में धार्मिक चेतना गूंज उठी।
धाम का नया और भव्य स्वरूप देवाधिदेव महादेव और सनातन संस्कृति की नगरी काशी के नाम पर सबसे बड़ा अनुष्ठान कहा जा सकता है। बाबा के दरबार से दिया विकास का संदेश अगर पूर्वांचल की चुनावी राजनीति की बात करें तो विश्वनाथ सिंह गहमरी ने संसद में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से बात करके उन लोगों के बारे में रोया था जो गोबर से गेहूं निकालकर खाते हैं।
काशी पूर्वांचल के विकास का केंद्र बिंदु है। हर चुनाव में पूर्वांचल का पिछड़ापन मुद्दा बनकर सामने आता था। पिछले एक दशक में इस क्षेत्र की भौगोलिक और राजनीतिक सामाजिक स्थिति में बदलाव आया है।
आज मोदी की गारंटी और विकास के बल पर भाजपा देशभर में काशी और पूर्वांचल का मॉडल पेश कर रही है। नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र को लेकर बेहद संवेदनशील और जागरूक हैं। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान जब राहुल गांधी ने बनारस में पाए जाने वाले शराबी और नशेड़ी युवाओं का जिक्र किया तो प्रधानमंत्री ने काशी से ही इसका कड़ा विरोध किया था।
कज्जाकपुरा आरओबी में अब सिर्फ रेलवे वाले हिस्से का काम बचा है। फिलहाल इस हिस्से में फाउंडेशन बनाने और दो पिलर ढलाई का काम चल रहा है।
यह काम पूरा होने के बाद बो-स्टिंग गर्डर रखे जाएंगे। 1.356 किमी (1356 मीटर) लंबे टू-लेन कज्जाकपुरा आरओबी के निर्माण से यहां जाम की समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी। इसमें कुल 55 पिलर बनाए जाने हैं। जीटी रोड से सारनाथ, रिंग रोड, मार्कंडेय महादेव धाम, गाजीपुर आदि का रूट सुगम हो जाएगा।
कज्जाकपुरा आरओबी का निर्माण सितंबर 2019 में शुरू हुआ था। इसे जून 2022 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में लगातार विकास की नई इबारत लिखी जा रही है।
बनारस में काफी बदलाव आ चुका है। जो भी काम बाकी है, उसे पूरा करने का काम तेजी से चल रहा है। बहुत जल्द वाराणसी के तीन और पुल जनता को समर्पित कर दिए जाएंगे। हालांकि महाकुंभ में श्रद्धालुओं के दबाव के कारण कज्जाकपुरा आरओबी, कादीपुर आरओबी और मोहनसराय सिक्सलेन का निर्माण प्रभावित हुआ है।
समय पर कच्चा माल न मिलने के कारण काम की गति धीमी हो गई थी, लेकिन महाकुंभ खत्म होते ही परियोजना ने एक बार फिर गति पकड़ ली है। कज्जाकपुरा आरओबी और मोहनसराय सिक्सलेन का निर्माण मार्च तक पूरा हो जाएगा। कादीपुर आरओबी भी जून तक पूरा होने की उम्मीद है।