UP News: उत्तर प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को और आगे बढ़ाएगी। सरकार ने तय किया है कि अब गंगा ही नहीं बल्कि स्थानीय नदियों के दोनों किनारों पर 5/5 किलोमीटर के दायरे में सिर्फ प्राकृतिक खेती की जाएगी। इसके लिए 1886 क्लस्टर बनाए जाएंगे। इस पर सरकार 270.62 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
अधिकृत सूत्रों ने बताया कि हाल ही में राज्य स्तरीय कृषि समिति की बैठक में इस कार्ययोजना को मंजूरी भी दे दी गई है। इससे पहले भी कैबिनेट में प्राकृतिक खेती और खेत तालाब योजना के लिए 1191.51 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे।
सरकार ने बनाई यह योजना सूत्रों के मुताबिक हाल ही में सरकार की ओर से पेश किए गए बजट में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 124 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सरकार की योजना है कि गंगा समेत सभी स्थानीय नदियों के दोनों किनारों पर उन जिलों में एक दायरे में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाए, जहां से ये नदियां गुजरती हैं।
ऐसी खेती जिसमें रासायनिक खादों और जहरीले कीटनाशकों की जगह पूरी तरह जैविक उत्पादों का इस्तेमाल पैदावार बढ़ाने और फसलों की समय पर सुरक्षा के लिए किया जाए ताकि रासायनिक खादों और कीटनाशकों का जहर लीचिंग लीकेज के जरिए इन नदियों में घुलकर उन्हें प्रदूषित न कर सके।
1000 से ज्यादा गांवों में हो रही है प्राकृतिक खेती
गौरतलब है कि गंगा किनारे के 27 जिलों में पहले से ही नमामि गंगे योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक गंगा किनारे के 1000 से ज्यादा गांवों में प्राकृतिक खेती की जा रही है।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 54 जिलों में परंपरागत कृषि विकास योजना चलाई जा रही है। सरकार की मंशा बेसहारा गोवंश से सबसे ज्यादा प्रभावित बुंदेलखंड को प्राकृतिक खेती के मामले में उत्तर प्रदेश का हब बनाने की है।
योगी सरकार के पहले कार्यकाल से ही इसकी शुरुआत हो चुकी है। नमामि गंगे योजना के तहत लगभग 5000 क्लस्टरों में 18000 से ज्यादा किसान लगभग 10 हजार हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, वहीं लगभग 3300 क्लस्टरों में लगभग 6500 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती की जा रही है। इस खेती से जुड़े किसानों की संख्या एक लाख से ज्यादा है।