Haryana News:हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। राज्य के 487 सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी शिक्षक नहीं है। यह जानकारी हरियाणा मौलिक शिक्षा विभाग द्वारा किए गए रेशनलाइजेशन कैंपेन के दौरान सामने आई। इस गंभीर समस्या के अलावा, 294 स्कूल ऐसे भी हैं, जहां एक भी छात्र का नामांकन नहीं हुआ है।
राज्य में शिक्षकों की भारी कमी
राज्य में शिक्षकों की भारी कमी देखी जा रही है। हाल ही में शिक्षकों की भर्ती के बावजूद, सरकारी प्राइमरी स्कूलों में अभी भी 2,262 शिक्षकों की जरूरत बनी हुई है। मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के 8,185 सरकारी स्कूलों में कुल 7,18,964 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन शिक्षकों की संख्या मात्र 25,762 है। यह स्थिति शिक्षक और छात्रों के संतुलन को भी दर्शाती है, जहां स्टूडेंट-टीचर अनुपात केवल 28:1 रह गया है।
इन जिलों में सबसे ज्यादा कमी
अगर जिलेवार स्थिति पर नजर डालें, तो यमुनानगर सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 79 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है। इसके बाद पंचकूला में 45 स्कूल और कुरुक्षेत्र में 34 स्कूल बिना शिक्षकों के संचालित हो रहे हैं। इतना ही नहीं, कई स्कूलों में छात्रों की संख्या भी बेहद कम है।
इन स्कूलों में बच्चों की कमी
यमुनानगर में 32 स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी छात्र नामांकित नहीं है। इसी तरह, अंबाला में 22 स्कूल और हिसार में 17 स्कूल बिना छात्रों के हैं। पूरे राज्य में 1,095 स्कूल ऐसे हैं, जहां 20 से कम छात्र नामांकित हैं। अकेले यमुनानगर में 132 स्कूल, पंचकूला में 64 स्कूल, और करनाल में 62 स्कूल ऐसे हैं, जहां स्टूडेंट्स की संख्या 20 से भी कम है।
स्कूल शिक्षा प्रणाली
यह स्थिति हरियाणा में सरकारी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। सरकार को जल्द से जल्द शिक्षकों की भर्ती और स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि प्रदेश के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।