Haryana News:हरियाणा के 14 जिलों में अवैध खनन की समस्या गहराती जा रही है। प्रदेश की सीआईडी ने इस संबंध में खनन विभाग को इनपुट भेजा है, जिसके बाद खनन विभाग के महानिदेशक ने हाई-जोन में रखे सात जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इन जिलों में फरीदाबाद, पलवल, नूंह, भिवानी, महेंद्रगढ़, यमुनानगर और चरखी दादरी शामिल हैं।
सीआईडी की रिपोर्ट
खनन को लेकर सबसे गंभीर स्थिति नूंह और यमुनानगर में है, जहां के आठ-आठ पुलिस थानों के क्षेत्रों में अवैध खनन हो रहा है। इसके बाद गुरुग्राम के पांच पुलिस थानों में भी अवैध खनन की पुष्टि हुई है। सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर खनन विभाग ने प्रदेश को जोनवाइज बांटा है।
हाई जोन क्षेत्र
हाई-जोन में सोनीपत, यमुनानगर, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़-नारनौल, गुरुग्राम, नूंह, फरीदाबाद और पलवल जिले शामिल हैं। वहीं, मीडियम-जोन में करनाल, पानीपत, कैथल, पंचकूला और अंबाला हैं, जबकि लो-जो़न में फतेहाबाद, हिसार, रोहतक, जींद, झज्जर, सिरसा और रेवाड़ी जिले आते हैं। इसी आधार पर पुलिस में अलग-अलग एन्फोर्समेंट विंग बनाई गई है। खनन विभाग के मुख्यालय में पुलिस से समन्वय के लिए एक डीएसपी और दो इंस्पेक्टरों की तैनाती की गई है।
खनन महानिदेशक केएम पांडुरंग
खनन महानिदेशक केएम पांडुरंग ने अवैध खनन को रोकने के लिए तीन अहम बातें कही हैं। पहली, अधिकारियों की मिलीभगत की शिकायतों के बाद मुख्यालय से टीमें भेजी जा रही हैं। हाल ही में यमुनानगर के सहायक खनन अभियंता का तबादला भी इसी कारण किया गया। दूसरी, संवेदनशील जिलों में अधिक सख्ती बरती जा रही है।
पुलिस टीम ने किया निरीक्षण
यमुनानगर में 16 नाके लगाए गए हैं, जहां पुलिस, खनन, वन, प्रदूषण नियंत्रण, आरटीए और सेल टैक्स विभाग की टीमें तैनात हैं। तीसरी, जनवरी महीने से एक विशेष मुहिम के तहत 13,282 जगहों का निरीक्षण किया गया, जिसमें अवैध खनन में संलिप्त 575 गाड़ियां पकड़ी गईं और लगभग ढाई करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया।
राज्य सरकार अवैध खनन रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है, लेकिन इसे पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रशासन को और कड़े कदम उठाने होंगे।