Haryana News:हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी ने बोर्ड परीक्षाओं में नकल पर रोक लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब से निजी स्कूलों के स्टाफ की परीक्षा ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। यह बदलाव नकल पर सख्ती से नियंत्रण रखने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
निजी शिक्षकों पर विश्वास की कमी
हालांकि, इस फैसले पर फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति जताई है। फेडरेशन का मानना है कि यह फैसला निजी स्कूलों के शिक्षकों और स्टाफ के प्रति अविश्वास को दर्शाता है, जिससे सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों के बीच संबंधों में खटास आ सकती है।
नकल पर लगेगी पाबंदी
फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन ने इस फैसले का विरोध करते हुए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन आईएएस पंकज अग्रवाल को एक पत्र भेजा है। पत्र में पूछा गया है कि जब पहले भी निजी स्कूलों के स्टाफ की परीक्षा ड्यूटी नहीं लगाई गई थी, तब क्या सरकारी स्कूलों में नकल को पूरी तरह से रोका जा सका? यह सवाल इसलिए उठाया गया है क्योंकि अक्सर सरकारी स्कूलों में भी नकल के मामले सामने आते रहे हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड पहले भी कई बार निजी स्कूलों के शिक्षकों को परीक्षा ड्यूटी से अलग रखने के निर्देश जारी कर चुका है।
परीक्षा ड्यूटी बनी अहम मुद्दा
परीक्षा ड्यूटी को लेकर शिक्षकों की भूमिका भी एक अहम मुद्दा बन गया है। सरकारी स्कूलों के कई शिक्षक परीक्षा ड्यूटी से बचने के तरीके ढूंढते हैं, जबकि इसके विपरीत, निजी स्कूलों के शिक्षक ड्यूटी के लिए स्वयं को आगे रखते हैं। मार्च 2019 में हुई 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षा के दौरान हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने ड्यूटी से गैरहाजिर रहने वाले निजी स्कूलों के शिक्षकों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।
इस निर्णय से साफ है कि बोर्ड परीक्षाओं को निष्पक्ष और नकलमुक्त बनाने के लिए सरकार लगातार कड़े कदम उठा रही है। हालांकि, निजी स्कूलों के संगठन इसे पक्षपातपूर्ण फैसला मान रहे हैं और इस पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं।