Haryana News:हरियाणा सरकार के सामाजिक न्याय एवं कल्याण विभाग द्वारा निराश्रित बच्चों के लिए वित्तीय सहायता योजना एक महत्वपूर्ण पहल है, जो बेसहारा बच्चों को आर्थिक सहारा प्रदान करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। इस योजना के तहत पात्र बच्चों को प्रति माह 1850 रुपये की पेंशन दी जाती है, जो कि अधिकतम दो बच्चों तक सीमित है।
आवश्यक दस्तावेज
उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य है, जिनमें बेसहारा होने का प्रमाण पत्र, बच्चों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र, तथा हरियाणा में कम से कम 5 वर्षों के निवास का प्रमाण (जैसे फोटोयुक्त वोटर कार्ड, राशन कार्ड) शामिल हैं। यदि किसी आवेदक के पास ये दस्तावेज नहीं हैं, तो वह 5 वर्षों से अधिक की अवधि की रिहायश का हलफनामा अन्य प्रमाणों के साथ प्रस्तुत कर सकता है।
जरूरी पात्रता
इस योजना के अंतर्गत वे बच्चे पात्र माने जाएंगे, जिनकी उम्र 21 वर्ष तक हो और वे किसी भी कारणवश माता-पिता की सहायता या देखभाल से वंचित हो गए हों। योजना के अंतर्गत वे बच्चे शामिल होंगे जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी हो, जिनका पिता पिछले दो वर्षों से अनुपस्थित हो, माता-पिता को एक वर्ष से अधिक की सजा हुई हो, या माता-पिता मानसिक अथवा शारीरिक रूप से अक्षम हों। इसके अतिरिक्त, बच्चों के माता-पिता या अभिभावकों की वार्षिक आय दो लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
बच्चों को मिलेगी वित्तीय सहायता
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि जिन बच्चों के माता-पिता या अभिभावक पहले से ही किसी अन्य सरकारी योजना के तहत पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, वे इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे। इच्छुक लाभार्थी अपने निकटतम अंत्योदय सरल केंद्र, अटल सेवा केंद्र या सीएससी केंद्र में जाकर आवेदन कर सकते हैं। यह योजना उन बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा साबित हो सकती है, जो किसी कारणवश माता-पिता की देखभाल से वंचित हो गए हैं। सरकार की यह पहल न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक सिद्ध होगी।