RBI CIBIL Score New Rule : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के तरफ से सिविल स्कोर को लेकर पांच नए नियम को बनाए गए हैं। नियम बनाने के बाद सभी बैंकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। आईए जानते हैं RBI के तरफ़ से Civil Score को लेकर क्या नए नियम बनाए गए हैं।
RBI CIBIL Score New Rule : आरबीआई ने सिबिल स्कोर को लेकर बने 5 नए नियम।
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार क्रेडिट कंपनियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि एक बार फ्री फुल क्रेडिट स्कोर अपने ग्राहकों को मुहैया करवाए। इसके लिए क्रेडिट कंपनी को कहा गया है कि वह अपनी वेबसाइट पर एक लिंक डिस्प्ले करें ताकि ग्राहकों को आसानी से अपनी क्रेडिट कार्ड की फुल डीटेल्स मिल सके और वह चेक कर सकें। इससे साल में एक बार ग्राहकों को अपना सिविल स्कोर और पूरी क्रेडिट हिस्ट्री पता चलेगा। नीचे देखिए क्रेडिट कार्ड को लेकर आरबीआई ने 5 नए नियम क्या-क्या बनाए हैं?
CIBIL Score चेक करने से पहले सम्बंधित ग्राहकों को भेजना होगा मैसेज
केंद्रीय बैंक ने सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी से यह कहें कि जब भी किसी बैंक या एनबीएफसी (NBFC) के द्वारा किसी ग्राहक क्रेडिट रिपोर्ट चेक किया जाता है तो उसकी सूचना सबसे पहले ग्राहक को देना जरूरी है। इसकी जानकारी आप ग्राहक को SMS या Email के जारी भेज सकते हैं। दरअसल आप सभी को बता दे की Credit Card को लेकर ऐसा एक शिकायत सामने आया है।
अब बैंक ग्राहकों को बताया रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करने की वजह
आरबीआई की तरफ से सिबिल स्कोर को लेकर एक नियम यह भी बनाया गया है कि क्रेडिट कंपनी को साल में एक बार फुल क्रेडिट स्कोर ग्राहक को देना होगा।। इससे ग्राहक को समझने में आसानी होगा कि किस वजह से उसकी रिक्वेस्ट के रिजेक्ट किया गया है। रिक्वेस्ट रिजेक्ट किया जाने के वजह से एक लिस्ट बनाकर उसे सभी क्रेडिट इंस्टिट्यूशन को भेजना जरूरी है।
साल भर में ग्राहकों को देना होगा फुल क्रेडिट रिपोर्ट
RBI ने सिबिल स्कोर को लेकर एक नियम यह भी बनाए हैं कि क्रेडिट कंपनी को साल में एक बार फुल क्रेडिट स्कोर ग्राहकों को देना होगा। क्रेडिट कंपनी को यह सलाह दिया गया है कि वह अपने वेबसाइट पर एक लिंक को डिस्प्ले करें ताकि ग्राहक को आसानी से अपनी क्रेडिट चेक कर सके। किसी से साल में हर बार क्रेडिट अपना सिविल स्कोर और पूरे क्रेडिट हिस्ट्री का पता चलेगा।
डिफॉल्ट रिपोर्ट करने से पहले ग्राहकों को बताना होगा।
RBI के नियम के अनुसार ग्राहक डिफॉल्ट होने वाला है यह तो डिफॉल्ट रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना जरूरी है। लोन देने वाली कंपनी या संस्था ग्राहकों को SMS या Email भेज कर सभी जानकारी शेयर करें। इसके अलावा बैंक या लोन बांटने वाली संस्था नोडल अवसर रखें। नोडल अफसर क्रेडिट स्कोर से जुड़ी देखते हुए सुलझाने का काम करेंगे।
अब इनफार्मेशन कंपनी को 30 दिन में करना होगा शिकायत का निपटारा
आरबीआई ने सिबिल स्कोर को लेकर एक नियम यह भी बनाए हैं कि अगर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी 30 दिन में शिकायत का निपटारा नहीं करती है तो इस स्थिति में कंपनी, ग्राहक को हर रोज ₹100 के हिसाब से जुर्माना देगी। यानी कि आप जितना देर में शिकायत का निपटारा होगा उतना ही ग्राहक को फायदा होगा। लोन देने वाली संस्था को 21 और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का वक्त मिलेगा। अगर 21 दिन में बैंक क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताता है तो बैंक हरजाना वसूलेगा।